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पंजाब सरकार के व्यापार विरोधी नीतियों और जीएसटी और बिजली विभाग के हल्ला बोल;हमले से परेशान व्यापारी छोड़कर भाग रहे पंजाब

10/01/2024

पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल (रजी) की आज एक प्रेस कॉन्फ़्रेस माता रानी रोड स्तिथ दफ़्तर में हुई जिस्म स्टेट जनरल सेक्रेटरी और राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड (केंद्र सरकार) के मेम्बर सुनील मेहरा, जनरल सेक्रेटरी और नेशनल सेक्रेटरी भारतीय उद्योग व्यापार मंडल (रजी) से आयुष अग्रवाल , और उप प्रधान विनोद शर्मा ने कहा कि किसी भी राज्य को प्रफुल्लित होने में हर क्षेत्र का बराबर का हाथ होता है चाहे वह खेती-बाड़ी हो या उद्योग-व्यापार या सेवाएँ। किंतु भगवंत मान सरकार का उद्योग- व्यापार क्षेत्र पर से ध्यान कम होता जा रहा है ।

भगवंत मान की आप सरकार को पंजाब में दो वर्ष पूरे होने जा रहे और पंजाब की व्यापारिक और उद्योगिक स्थिति बत्त से बत्तर होती जा रही है ।

भगवंत मान की सरकार द्वारा व्यापार विरोधी नीतियों के कारण पंजाब से उद्योग और व्यापार अन्य राज्यों में भाग रहा है ।

दो लाख तीस हज़ार करोड़ का व्यापार पंजाब से उत्तर प्रदेश की और रुख़ कर चुका है।

पंजाब की बिगड़ती क़ानून व्यवस्था और बढ़ते बिजली के दामों ने पंजाब के व्यापार और उद्योग की कमर तोड़ कर रख दी है।

पंजाब बिजली विभाग ने हर वर्ष दस प्रतिशत बिजली दर मे बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव पंजाब राज बिजली कमीशन को सौंपा। सवाल यहाँ ये है कि यदि मान सरकार का ये दावा है कि बिजली विभाग बिजली की चोरी रोक कर और सस्ता कोयला ले कर मुनाफ़े में चल रही है तो बिजली विभाग का दस प्रतिशत दरों में बढ़ोतरी करने का क्या मक़सद है ? बढ़ती बिजली की दरें और ना सुधार रही क़ानून व्यवस्था से व्यापारियों में डर्र का माहौल पैदा हो रहा है जिसकी वजह से वे उत्तर प्रदेश , उत्राखंड , हरियाणा जैसे अन्य राज्यों में पलायन कर रहे हैं ।

पंजाब सरकार द्वारा जीएसटी में वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाने के बाद भी जीएसटी विभाग व्यापारियों को नोटिस भेज बुला रहा है । यदि व्यापारियों को राहत दी गई थी तो नोटिस भेज कर इस राहत के उलट प्रतिक्रिया कर व्यापारियों को परेशान करने का क्या मक़सद है ।

पंजाब व्यापार मंडल ने कई बार मुख्यमंत्री भगवंत मान से मिल कर व्यापारी कल्याण के मुद्दे पर चर्चा करनी चाही पर मुख्यमंत्री साहब अपने व्यस्त कार्यक्रम से समय निकाल कर व्यापारियों को समय नहीं देना चाहते जिसका नतीजा आज पंजाब की बिगड़ी जीएसटी कलेक्शन जो पिछले 9 महीनों में केवल 15000-15500 करोड़ रुपये पर खड़ी है और वहीं हरियाणा जो एक समय पंजाब से पीछे माना जाता है उसकी 9 महीने की जीएसटी कलेक्शन 50000 करोड़ रुपये पार कर चुकी है , पंजाब में नौकरियों ना होने के कारण पंजाब का युवा अमरीका , कनाडा , लंदन और अन्य देशों की और रुख़ कर रहा है और सरकार तो ये तक मानती है कि हर वर्ष लगभग एक लाख युवा पंजाब छोड़ कर जा रहा है ।

पंजाब में यदि व्यापार को बचाना है और यह के उद्योग और व्यापार को अन्य राज्यों के मुक़ाबले खड़ा करना है तो कुछ कदम सरकार को व्यापारियों के हित में उनसे सलाह कर के उठाने होंगे जैसे जीएसटी की ओटीएस स्कीम जो फुल एंड फाइनल हो जिसकी कोई सरकारी अफ़सर अफ़सरशाही दिखाने के चक्कर में व्यापारी को तंग ना करे , सस्ती बिजली जो पंजाब में दस रुपये प्रति यूनिट पार कर चुकी है और अन्य राज्यों में 5-6 रूपये प्रति यूनिट है , मुफ़्त बिजली की बजाये सस्ती और बग़ैर बिजली कटौती के चौबीस घंटे बिजली मुहैया करायी जाये , उत्तर प्रदेश और गुजरात की तरह वन विंडो सर्विस , जहां व्यापारी और उद्योगपति को विभाग दर विभाग भाग कर अपने काग़ज़ ना जमा कराने हों।

पंजाब की बिगड़ती व्यापारिक स्तिथि के सुधार पर विचार विमर्श करने के लिए जल्द ही लुधियाना , जो पंजाब का उद्योग क्षेत्र है एक राज्य स्त्रीय बैठक बिठायी जाएगी और ज़रूरत पढ़ने पर केंद्र सरकार से भी मदद की गुहार लगायी जाएगी ।

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