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Alwar Incident: अलवर घटना पर ओवैसी ने क्यों कहा? 'मंदिर तोड़ने का निर्णय BJP की अध्यक्षता में लिया?


Alwar Temple Demolition: राजस्थान के अलवर में 300 साल पुराने शिव मंदिर को तोड़ने पर विवाद गहराता जा रहा है. अब ओवैसी ने भाजपा पर ही गंभीर आरोप लगा दिए हैं.राजस्थान के अलवर में 300 साल पुराने शिव मंदिर को तोड़े जाने का मामला गहराता जा रहा है. इसे लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है. अब विवाद में AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी की भी एंट्री हो गई है. ओवैसी ने अलवर में मंदिर तोड़े जाने का आरोप गहलोत सरकार के साथ-साथ भाजपा पर भी लगाया है.


'मंदिर ढहाने का निर्णय भाजपा का'

ओवैसी ने कहा कि मंदिर को ढहाने का निर्णय भाजपा की अध्यक्षता में लिया गया था और कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार द्वारा स्वीकार किया गया था. सबसे पहले, भाजपा को अपनी ही पार्टी के उन सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए जो उस बोर्ड में बहुमत रखते हैं. आरएसएस को चाहिए कि वह पहले नगर निगम बोर्ड में अपने ही सदस्यों द्वारा लिए गए फैसले के लिए माफी मांगे. उन्हें पहले इसकी निंदा करनी चाहिए. 

जहांगीरपुरी हिंसा पर फिर बरसे ओवैसी



दिल्ली के जहांगीरपुरी हिंसा को लेकर ओवैसी ने कहा कि मस्जिद को गिराने के लिए फिर से बुलडोजर भेजा गया था. एक मुस्लिम इमारत को तोड़ा गया, जबकि अगले मंदिर को नहीं तोड़ा गया. दिल्ली में उनका कोई नोटिस नहीं तामील किया गया. मध्य प्रदेश में भी नोटिस नहीं दिया गया था. अलवर की घटना के लिए कांग्रेस सरकार और भाजपा की समान रूप से निंदा की जानी चाहिए.

हिजाब विवाद पर भाजपा को घेरा




कर्नाटक में जारी हिजाब विवाद को लेकर ओवैसी ने कहा कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री और राजस्व मंत्री पर भी हमला बोला. उन्होंने कहा कि जिन छात्रों ने हिजाब के साथ अनुमति नहीं होने पर अपनी परीक्षा नहीं दी, यह उनकी इच्छा है और यह उनका निजता का अधिकार है.


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